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Wednesday, March 25, 2009

मंदी की मार से, पैसा कमाने के लिए, कामकाजी युवतियाँ टॉपलेस होने को तैयार

अगर आप सोच रहे हैं कि भारत में महंगाई ने कमर तोड़ दी है और मंदी न जाने कब खतम होगी तो अमेरिका का हाल देख लीजिये। जहाँ मंदी की मार ऐसी है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं डांसिंग , स्ट्रिपिंग , पॉर्न फिल्मों में काम और हसलर जैसी मैग्जीन में टॉपलेस फोटो देने जैसे कामों की ओर जा रही हैं। पोर्न मंनोरंजन उद्योग के लोगों का कहना है कि इस वक्त उनके पास महिलाओं के आवेदनों का ढेर लगा हुआ है।

डॉलर कमाना बड़ी बात है। रेबेका ब्राउन को इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती थी। एक नैशनल रेस्ट्रॉन्ट में बारटेंडर और ट्रेनर के तौर पर काम करके वह जिस हफ्ते इतनी कमाई कर लेती थीं , उसे बहुत अच्छा हफ्ता कहती थीं। अब वह इतना सिर्फ एक रात में कमा लेती हैं। शिकागो के ' पिंक मंकी जेंटलमन्स क्लब ' में डांस करके एक रात में आराम से इतना पैसा कमा लेती है। रेबेका जैसी हजारों महिलाएं जल्दी पैसा कमाना चाहती हैं और उन्हें यह रास्ता नजर आ रहा है। इनमें से बहुतों के पास कॉलेज की डिग्रियां हैं और मंदी से पहले ये अच्छी नौकरियां कर रही थीं।

न्यू यॉर्क के ' सिनसिटी जेंटलमन्स क्लब ' के जनरल मैनेजर गस पौलोस कहते हैं कि आजकल बहुत सी खूबसूरत महिलाएं हैं जो और भी कई काम करने के लिए तैयार हैं। उन्हें हाल ही में एक जॉब के लिए एक ही दिन में 85 प्रत्युत्तर मिले। बताते हैं कि अलग - अलग क्लबों में 20 से 30 महिलाएं रोजाना आवेदन भेज रही हैं।

इनमें से कुछ महिलाओं के लिए डांसिंग अपने कॉलेज के लोन या बाकी छोटेमोटे खर्च पूरे करने का एक जरिया है। लेकिन काफी महिलाओं को लगता है कि उन्हें सही जगह मिल गई है , जिसकी उन्हें तलाश थी। न्यू यॉर्क और मियामी में ' रिक्स कैबरे क्लब ' की डांसर्स एक से तीन लाख डॉलर सालाना कमा रही हैं।



As a bartender and trainer at a national restaurant chain, Rebecca Brown earned a couple thousand dollars in a really good week. Now, as a dancer at Chicago's Pink Monkey gentleman's club, she makes almost that much in one good night.

The tough job market is prompting a growing number of women across the country to dance in strip clubs, appear in adult movies or pose for magazines like Hustler.

Employers across the adult entertainment industry say they're seeing an influx of applications from women who, like Brown, are attracted by the promise of flexible schedules and fast cash. Many have college degrees and held white-collar jobs until the economy soured.

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Monday, March 16, 2009

रियलटी शो के दौरान भगदड़ से कई घायल

अगर आप भारत में आये दिन होने वाली भगदड़ से होने वाले नुकसान पर व्यवस्था पर हाय तौबा मचाते हैं तो अमेरिका की हालत भी देख लें। अमेरिका के न्यूयॉर्क में 14 मार्च को रिएलिटी शो ‘नेक्स्ट टॉप मॉडल’ के चयन के दौरान भगदड़ मचने से छह महिलाएं घायल हो गईं। न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में दो महिलाओं और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

स्थानीय रेडियो स्टेशन ‘विन्स’ ने बताया कि मैनहैटन के एक होटल में ऑडिशन के लिए हजारों महिलाएं कतार में खड़ी थीं। तभी पास खड़ी एक कार से अचानक धुंआ उठने से वहां आग लगने की अफवाह फैल गई। इससे चारों तरफ अफरा-तफरी फैल गई। रेडियो स्टेशन ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि स्थिति तब और खराब हो गई जब कार से उतरकर एक व्यक्ति ने महिलाओं के पर्स छीनने शुरू कर दिए।

हालांकि पुलिस प्रवक्ता ने रेडियो स्टेशन की रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है।

पुलिस के अनुसार छह महिलाओं ने चक्कर आने की शिकायत की थी और उनका उपचार कर लिया गया है। इनमें से कुछ रातभर से लाइन में खड़ी थीं।


Three people were arrested and six others hurt after bedlam broke out while they waited to audition for "America's Next Top Model" Saturday, police said. ...Authorities also shut down the audition, saying it wasn't properly organized. ... Four injured people declined treatment, while two others were taken to a hospital, the fire department said. Their conditions weren't immediately available.

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Monday, March 2, 2009

जापान दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सबसे भीषण मंदी से जूझ रहा

ग्लोबल मंदी ने अमेरिका समेत सभी अमीर मुल्कों की हालत पतली कर दी है। इनमें शामिल एशिया का एकमात्र देश जापान दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सबसे भीषण मंदी से जूझ रहा है। इस देश में रोजगार और उत्पादन दोनों ही मोर्चो पर मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

एक सर्वे के मुताबिक जापान में अक्टूबर, 08 से मार्च 09 तक मंदी को देखते हुए उत्पादन क्षेत्र के एक लाख 58 हजार कर्मियों की नौकरी छिन जाने का अनुमान है। साथ ही यहां 6 माह के अंदर रोजगार में 26.9 फीसदी की कमी आई है। इसके चलते देश में रोजगार की स्थिति पांच वर्षो के निचले स्तर पर आ गई है। यहां पिछले माह औद्योगिक उत्पादन में भी 10 फीसदी की भारी गिरावट आई है। घरेलू खर्चो में भी 5.9 फीसदी की कमी आ चुकी है। हालात इतने खराब हैं कि इसके अगले साल से पहले मंदी से निकलने की संभावना नहीं है।

मूल समाचार यहाँ उपलब्ध है।

Japan's recession woes deepened as a record plunge in exports added to fears ... that Asia's largest economy is becoming one of the biggest victims of the global crisis. Japan's reliance on foreign markets to drive its recovery from a decade-long slump has left it particularly exposed to the global economic downturn, which has crushed demand for its cars, televisions and high-tech goods.

The trade deficit ballooned to 952.6 billion yen (9.9 billion dollars) in January as exports plunged 45.7 percent from a year earlier, the finance ministry reported. It was the biggest deficit since comparable records began in 1979, marking a dramatic shift in fortunes for Japan's economy, which used to enjoy large trade surpluses.