- अमेरिका में पिछले सप्ताह बेरोजगारों की सूची में 32 हजार नए लोगों के नाम शामिल हुए हैं जो एक सप्ताह में पिछले 25 वर्षो में सर्वाधिक है। अमेरिकी श्रम विभाग के जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले सप्ताह बेरोजगारी भत्ते के लिए अप्रत्याशित रूप से 32 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया है। वर्ड ट्रेड सेंटर पर 11 सितंबर 2001 के हमले वाले सप्ताह के बाद का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके साथ ही देश में बेरोजगारी का लाभ पाने के लिए आवेदन करने वालों की संख्या 516000 पहुंच गई है।
- ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने रक्षा व्यय में बडे पैमाने पर कटौती किये जाने का आदेश जारी किया है! फाइनेंशियल टाइम्स की आज प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि वास्तविक जरूरतों को छोडकर किसी भी बडे रक्षा खर्च को मंजूरी नहीं दी जाये।
- अमरीका में दक्षिणी कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी भीषण आग की चपेट में आकर हजारों घर खाक हो चुके हैं। इस दावानाल ने गुरूवार से अब तक 20 हजार एकड वन भूमि को जलाकर खाक कर दिया है। यहां से करीब 50 हजार लोग पलायन कर गए हैं।
- ब्रिटिश टेलीकाम ने मार्च 2009 तक 10000 नौकरियों की कटौती करने की घोषणा की है। इससे कंपनी के भारतीय परिचालन में नौकरियों में कटौती होने की आशंका है। विश्व भर में बीटी के 160000 कर्मचारी हैं।
- अमरीका सिटी ग्रुप इंक ने बढते घाटे और प्रबंधन की आलोचना से निपटने के लिए दुनिया भर में अपने कुल कर्मचारियों के 10 प्रतिशत हिस्से लगभग 35 हजार लोगों को हटाने का फैसला किया है। ये छंटनी पहले हटाए गए 23 हजार कर्मचारियों के अतिरिक्त होगी। प्राप्त आंकडों के अनुसार 30 सितंबर को बैंक के दुनिया भर में तीन लाख 52 कर्मचारी थे।
- विश्व की सबसे बडी म्यूचुअल फंड कंपनी फिडेलटी इन्वेस्टमेंट ने छटनी के पहले दौर में 1300 कर्मचारियों की छुट्टी करने के बाद दूसरे दौर में 1700 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। इस प्रकार कंपनी खर्च में कटौती के लिये सात प्रतिशत कर्मचारियों की कटौती करने की योजना को पूरा करेगी।
- इटली में रेलवे और सार्वजनिक ट्रांजिट कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी, जिससे यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बहरहाल, अलइतालिया के कुछ कर्मचारियों के सोमवार अचानक हड़ताल पर चले जाने के कारण राष्ट्रीय विमान सेवा कंपनियों को अपनी दर्जनों उड़ानें रद्द करनी पड़ी।
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Tuesday, November 18, 2008
ये हिन्दुस्तान नहीं है
अब तो मंदी के चलते इतनी खबरें आ रही हैं कि उनकी एक एक पोस्ट बनाना औचित्यहीन हो चला है इसलिए आज सब एक ही जगह पर:
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