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Tuesday, July 7, 2009

अमेरिका में परिवार की अवधारणा बहाल करने पर जोर

बिखरते परिवार की चिंता सिफ हमारे भारत में ही नहीं है बल्कि अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री कोलिन पावेल भी चिंतित हैं। उनका मानना है कि अमेरिकावासियों को परिवार की अवधारणा को बहाल करने की जरूरत है । उनकी राय में बच्चे के विकास के लिये यह जरूरी है। बुश प्रशासन में विदेश मंत्री रहे पावेल ने कहा मैं यह नहीं कहूंगा कि अकेला पिता अथवा माता बच्चे को नहीं पाल सकते लेकिन यह रूझान उचित नहीं है खासकर निम्न सामाजिक आर्थिक स्तर पर। दो लोगों के एक साथ आने तथा एक पारिवारिक इकाई की जरूरत है। उस पारिवारिक इकाई में आप बच्चे को बेहतर पाल सकते है।

अवकाश प्राप्त जनरल ने अपने पलने बढने को याद करते हुए कहा कि मुझसे लोग पूछते हैं कि आप यहां तक कैसे पहुंचे । आप प्रतिभावान छात्र नहीं थे । कैसे आपने किया । पावेल ने कहा मेरे पास एक परिवार था । मेरे परिवार में माता पिता चाचा चाची और चेचेरे भाई बहन थे। हम सब साथ खेलते थे । आप बीच में पढ़ाई नहीं छोड़ सकते थे । आप अपने माता पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने की सोच तक नहीं सकते थे। पावेल ने कहा कि अमेरिका को इसमें (व्यवस्था) वापस आने की जरूरत है । जब परिवार कष्ट में होता है तो अन्य सामने आते हैं।

बच्चे के लिये माता पिता की मौजूदगी की जरूरत बताते हुए पावेल ने कहा विश्वास है कि उनके अपने माता हों लेकिन ऐसा नहीं भी हो सकता है। लिहाजा जब ऐसी स्थिति नहीं है तो हम केवल यह नहीं कह सकते कि बहुत बुरा है । हमें विकल्प देखना होगा। हमें सरोगेट चाहिये हमें वे लोग चाहिये जो आगे आयें और बच्चे को अपनी मौजूदगी का ऐहसास करायें ।

अमेरिका: बेरोजगारी दर 27 साल में सर्वाधिक

अमेरिका में वैश्विक मंदी की वजह से जून में 4,67,000 लोगों की नौकरियों से छंटनी हुई है और बेरोजगारी दर 1983 के बाद अब तक सबसे ऊंची 9.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है। अमेरिकी सरकार के श्रम विभाग ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। जून में यह छंटनी वॉल स्ट्रीट के अर्थशास्त्रियों के अनुमानित 3,63,000 से करीब एक लाख अधिक और पिछले चार महीनों में सबसे ज्यादा है। हालांकि श्रम विभाग का यह भी कहना है कि ऐसे लोगों की संख्या इस सप्ताह घट गई जो नौकरी चली जाने के बाद मिलने वाले लाभ का दावा करते हैं। यह अनुमान के अनुरुप ही है।

श्रम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल और मई में पहले से अनुमानित संख्या से 8,000 कम छंटनी हुई। मई में तीन लाख 22 हजार लोगों की नौकरियां चली गईं जो अनुमान से कम है जबकि अप्रैल में पांच लाख 19 हजार लोगों की छंटनी हुई जो अनुमान से ज्यादा है। जेवीबी फाइनेंशियल ग्रुप के प्रमुख अर्थशास्त्री विलियम सुल्लिवन ने कहा है कि ऐसा लगता है कि अर्थव्यवस्था में अब भी मजबूती नहीं आई है। इतना जरुर है जनवरी में जितने लोगों की नौकरियां चली गई जून में उसमें कमी आई है। जनवरी में सात लाख 41 लोगों की छंटनी हुई थी। तब से छंटनी लगातार कम होती गई लेकिन जून महीने में छंटनी मई से कहीं ज्यादा है। मई में छंटनी की दर 9.4 थी जो बढ़कर जून में 9.5 हो गई। यह 1983 के बाद सबसे ऊंची दर है। विश्लेषकों के अनुसार यह 9.6 प्रतिशत तक जा सकती है।

हालांकि छंटनी हर क्षेत्र में हुई है लेकिन सेवा क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। सेवा क्षेत्र में मई में 1.07 लाख लोगों की छंटनी हुई थी जबकि जून में यह संख्या बढ़कर 2.44 लाख हो गई पेशेवर और कारोबार सेवा में 1.18 लाख, सरकारी सेवा में 52,000, विनिर्माण में क्षेत्र में 1.36 लाख लोग बेरोजगार हो गए। एक अलग रिपोर्ट के अनुसार राज्य बेरोजगारी बीमा के प्रारम्भिक दावे 27 जून को समाप्त सप्ताह में 6.14 लाख रह गए जबकि उसके पिछले सप्ताह में यह 6.30 लाख थे।