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Saturday, October 9, 2010

अमेरिका में खटमलों का आतंक

अमेरिका में इस वर्ष गर्मी के मौसम में खटमलों ने आतंक मचा रखा है इसकी वजह से नाइकी और ब्लूमिंगडेल्स को अपने स्टोर तक बंद करने पड़े। आलम यह है कि पॉश वाल्दोर्फ एस्टोरिया होटल में खटमलों से मेहमानों की भी नाक में दम हो गया है। होटल के प्रबंधन ने हालांकि मेहमानों के कमरे में खटमल होने से इंकार किया है।

फ्लोरिडा की एक महिला ने न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया कि खटमलों ने उन्हें इतनी बुरी तरह काटा कि उन्हें 330 अमेरिकी डॉलर वाले कमरे से 700 अमेरिकी डॉलर वाले लक्जरी कमरे में भेजा गया। महिला ने कहा कि खटमलों के हमले से उन्हें चकत्ते हो गए और उन्हें एक हफ्ते तक दवाइयां खानी पड़ी।

विक्टोरियाज सीक्रेट्स और एबेरकोम्बी एंड फिच की इमारतों सहित शहर के घरों, अपार्टमेंट और कार्यालयों में खटमलों की मौजूदगी है। सर्वेक्षणों के मुताबिक, अमेरिका के कई शहरों में खटमलों की संख्या इन दिनों काफी बढ़ गर्इ है लेकिन न्यूयॉर्क खटमलों से सबसे ज्यादा परेशान है।

एंपायर स्टेट बिल्डिंग के बेसमेंट में भी ये खटमल घुस गए हैं।

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Monday, August 23, 2010

अमेरिका में हर महीने औसतन करीब 15 बैंक दिवालिया हो रहे

भारत में तो यदा-कदा किसी बैंक के डूबने की खबर मिलती है लेकिन अमेरिका में हर महीने औसतन करीब 15 बैंक दिवालिया हो रहे हैं जिनमें छोटे और मध्यम बैंकों की संख्या सबसे ज्यादा है। इस साल, 2010 में अभी तक 118 अमेरिकी बैंक दिवालिया हो चुके हैं। अमेरिका में बढ़ती बेरोजगारी के चलते बैंकों का भुगतान न हो पाने की वजह से ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। पिछले शुक्रवार को ही अमेरिकी अधिकारियों ने 8 बैंकों को बंद करने का आदेश दिया जिससे अगस्त में विफल होने वाले बैंकों की कुल तादाद 10 पहुंच गई।

फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एफडीआईसी) के मुताबिक, इन 8 बैंकों के बंद होने से उस पर 47.35 करोड़ डॉलर का बोझ पड़ेगा। जुलाई में 22 अमेरिकी बैंक तो इस साल अप्रैल में सर्वाधिक 23 अमेरिकी बैंक दिवालिया हुए। पिछले साल 140 अमेरिकी बैंकों को कारोबार समेटना पड़ा था।

एक बाजार विश्लेषक जिन मिएका ने मंदी के दौर को देखते हुए आगामी सितंबर में एक और झटके की भविष्यवाणी की है। उनकी यह भविष्यवाणी तकनीकी रूझानों पर आधारित है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में जून में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में दिवालियापन के लिए आवेदनों की संख्या 20 प्रतिशत बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंच गई। दिवालिया होने वाली कंपनियों की संख्या 8 प्रतिशत बढ़कर 59,608 पर पहुंच गई।

अमेरिकी अदालतों के प्रशासनिक कार्यालय में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 30 जून, 2010 को समाप्त वर्ष में केंद्रीय अदालतों में दीवालिया घोषित करने हेतु कुल 15,72,597 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2009 में यह संख्या 13,06,315 थी। ऐसा तब हो रहा है जब इस साल कई बड़ी कंपनियों ने बेहतर वित्तीय निष्पादन दर्ज किए हैं। जून में समाप्त हुए वर्ष में बैंकरप्सी के लिए किए गए आवेदन 2006 के बाद से सबसे अधिक हैं। 2006 में यह संख्या 14.80 लाख थी।

Friday, April 2, 2010

पैसों की खातिर बहन का बलात्कार करवाया!!

आज आपको बताते हैं अमेरिका एक मासूम की दास्ता, जिसे पढ़कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। सात साल की इस बच्ची को उसकी ही 15 साल की सौतेली बहन ने पैसे के खातिर दरिंदों के हाथ बेंच दिया। इन दरिंदों ने सात लोगों के साथ मिलकर न सिर्फ इसके इज्जत को तार-तार किया, बल्कि उसके आत्मविश्वास को भी रौंद डाला। आज वह अपनी किस्मत पर रो रही है और उसके आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे।

यह घटना है अमेरिका के न्यू जर्सी राज्य की राजधानी ट्रेनटॉन की। यहां की एक किशोरी ने अपनी मासूम बहन को पैसे के खातिर दरिंदों के सामने परोस दिया। इसने अपने घर के पास स्थित एक फ्लैट में अपने सामने इसका बलात्कार करवाया और बदले में सभी सात लोगों से पैसे वसूले। इसके बाद उसने पीड़िता को धमकी दी कि अगर वह इस घटना के बारे में किसी को कहेगी तो वह उसे जान से मार देगी।

घटना की सूचना मिलने पर पुलिस इसकी जांच पड़ताल कर रही है। ट्रेनटॉन पुलिस कैप्टन जोसेफ जुनिअक ने इसके बारे में कहा कि यह बहुत शर्मनाक घटना है और पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। आरोपी पर यौन उत्पीड़न करवाने और वेश्यावृत्ति और अन्य अपराधों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।

मूल समाचार में कहा गया है कि
A teenager has been arrested in Trenton, New Jersey after allegedly selling her seven-year-old sister to men for sex at a party. The child was allegedly gang raped as her 15-year-old sister watched and collected money for the horrible acts of violence.

The horrific tale that took place last Sunday has shocked Trenton, New Jersey.
Police had been alerted that the two girls had possibly run away by their parents and had begun to search for them

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Friday, March 5, 2010

दुश्मनों की गोलियों का निशाना बनने की बजाय अपने साथी सैनिकों की हवस का शिकार हो रही हैं महिला सैनिक

अफगानिस्तान और इराक में तैनात अमेरिकी महिला सैनिक अपने पुरुष साथियों की हवस का शिकार हो रही हैं। वह शाम को सात बजे के बाद खेमे के बाहर न तो पानी लेने जाती हैं और न ही बाथरूम। उन्हें डर सताता है कि कहीं अपने ही किसी साथी के हाथों उनका दुष्कर्म न हो जाए।

इराक में अमेरिकी प्रतिनिधि जेन हरमन के मुताबिक 'महिला सैनिक दुश्मनों की गोलियों का निशाना बनने की बजाय अपने साथी सैनिकों की हवस का शिकार हो रही हैं।'

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक '2008 में इराक और अफगानिस्तान में तैनात तीन हजार महिला सैनिकों को यौन प्रताड़ना झेलनी पड़ी। 2007 की अपेक्षा यह आंकड़ा 9 फीसदी ज्यादा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि महिला सैनिकों के दुष्कर्म के 80 से 90 फीसदी मामलों की कोई शिकायत दर्ज नहीं होती।'

गवर्नमेंट अकाउंटेबिलिटी आफिस की मानें तो ज्यादातर महिला सैनिक इसलिए खामोश रह जाती हैं क्योंकि उन्हें कोई भी कार्रवाई न होने का विश्वास होता है। शिकायत करने के चलते उन्हें खुद के प्रताड़ित होने और सच्चाई के अफवाह बन जाने का डर होता है। दुष्कर्म की शिकार महिला सैनिक इस बात से भी भयभीत रहती हैं कि उन्हें सेना से निकाल दिया जाएगा।

सांसद और आ‌र्म्ड सर्विस कमेटी की सदस्य लारेटा सांचेज ने कहा, 'युद्ध में तैनात कमांडिंग अधिकारी भी सेना में दुष्कर्म के मामलों को बहुत गंभीरता से नहीं लेते।'