माली हालत पतली होने के बाद दुनिया के महाबली व बाजार नियन्ता अमरीका को विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के आगे मदद का हाथ फैलाना पड़ा है। राष्ट्रपति बुश ने बयान में सीधे सहयोग की गुहार लगाई है। वहीं, राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार ओबामा ने इन हालात में विश्व से मदद मांगी है। बुश प्रशासन ने इससे निपटने के लिए कांग्रेस में बचाव योजना का मसौदा भेजा है। गौरतलब है कि अमरीका के प्रमुख बैंक लीमेन ब्रदर्स के दिवालिया हो जाने से वहां आर्थिक संकट पैदा हो गया है।
पूंजी बाजार की अनिश्चितता को देखते हुए अमरीका के प्रमुख वाहन निर्माता जनरल मोटर्स ने बाजार से अपनी पूंजी समेटनी शुरू कर दी है। उसने बैंकों से अपने बचे हुए 3.5 अरब डॉलर भी शनिवार को निकाल लिए। जनरल मोटर्स के वॉल्टर बोस्र्ट ने बताया कि यह तरलता घटने पर पूंजी की कमी से बचने का उपाय है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया कि आर्थिक आपात की स्थिति से निपटने के लिए बुश प्रशासन ने अपने सभी हथियारों का प्रयोग शुरू कर दिया है। बाजार को वापस स्थिर करने के लिए अरबों रूपए की बचाव योजना बनाई है। इसे अर्थशास्त्र में पम्प प्राइमिंग कहा जाता है।
ब्राजील के राष्ट्रपति लुइस इनासियो लुला दा सिल्वा ने कहा कि उनका देश अमरीकी वित्तीय संकट से प्रभावित नहीं होगा। दशक पहले ऎसा होता तो ब्राजील अभी भीख मांग रहा होता। थाईलैण्ड के सेन्ट्रल बैंक गर्वनर तारिसा वातानगासे ने कहा है कि 11 साल पहले थाईलैण्ड में हुए आर्थिक विनाश से बुरा समय अभी अमरीका देख रहा है। गौरतलब है कि 1997 वें थाइलैण्ड के बैंकों के अचानक से दिवालिया हो जाने से वहां की मुद्रा बहत का एक ही रात में करीब 1000 फीसदी तक अवमूल्यन हो गया था।
अमरीका को बिगड़ते हालात में वैश्विक सहयोग की जरूरत है। अमरीकी आर्थिक इतिहास का निर्णायक क्षण है। हालात ऎसे हैं कि अमरीकियों का दैनिक जीवन प्रभावित हो गया है। संघीय सरकार बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों की तरल पूंजी खरीदेगी। -जॉर्ज बुश, राष्ट्रपति
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