एक ताजा अध्ययन के अनुसार दुनिया के सबसे ताकतवर माने जाने वाले देश अमेरिका में हर बीस से एक अमेरिकी अवसाद से ग्रस्त है और यह बीमारी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक पाई गई है। अमेरिका के रोग नियंत्रण व बचाव केंद्र के हालिया आंकड़ों के मुताबिक 12 वर्ष या उससे अधिक आयु के अवसाद से ग्रस्त 80 फीसदी लोगों में इसकी वजह से कामकाज प्रभावित होना पाया गया जबकि 27 प्रतिशत ने बताया कि इससे काम करने में मुश्किल होती है। अध्ययन के लेखक लारा ए प्राट व डेब्रा जे ब्राडी के मुताबिक इसकी वजह से वर्ष 2000 में अमेरिका पर अनुमानित 83 अरब अमेरिकी डालर का बोझ पड़ा। कम उत्पादकता और कार्यस्थल से आदतन गैर हाजिरी के वजह से यह भार पड़ा। गरीबी व अवसाद के बीच संबंध को उजागर करते हुए सर्वे के रिपोर्ट में कहा गया है कि सात गरीब अमेरिकी में से एक अवसाद में है और गैर हिस्पैनिक अश्वेत लोगों में गैर हिस्पैनिक श्वेत लोगों की तुलना में अवसाद की दर अधिक है।
सर्वे के रिपोर्ट में कहा गया है कि 39 प्रतिशत पुरुष और 22 प्रतिशत महिलाओं ने जाहिर किया कि उनके अवसाद के लक्षण उन्हें काम करने में काफी परेशान करते हैं। कम अवसाद के लक्षण वाले आधे से ज्यादा लोगों को भी रोजाना के कामकाज में कुछ मुश्किल आने की बात दर्ज की गई है। यह पाया गया कि 40 से 59 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों में अन्य आयु वर्ग के लोगों की तुलना में अवसाद की दर अधिक है और संघीय गरीबी रेखा से नीचे की आय वाले लोगों में गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों की तुलना में अवसाद की दर अधिक है।
कुछ और भी search करें
Monday, September 8, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment