फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एफडीआईसी) के मुताबिक, इन 8 बैंकों के बंद होने से उस पर 47.35 करोड़ डॉलर का बोझ पड़ेगा। जुलाई में 22 अमेरिकी बैंक तो इस साल अप्रैल में सर्वाधिक 23 अमेरिकी बैंक दिवालिया हुए। पिछले साल 140 अमेरिकी बैंकों को कारोबार समेटना पड़ा था।
एक बाजार विश्लेषक जिन मिएका ने मंदी के दौर को देखते हुए आगामी सितंबर में एक और झटके की भविष्यवाणी की है। उनकी यह भविष्यवाणी तकनीकी रूझानों पर आधारित है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में जून में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में दिवालियापन के लिए आवेदनों की संख्या 20 प्रतिशत बढ़कर 15.7 लाख तक पहुंच गई। दिवालिया होने वाली कंपनियों की संख्या 8 प्रतिशत बढ़कर 59,608 पर पहुंच गई।
अमेरिकी अदालतों के प्रशासनिक कार्यालय में उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 30 जून, 2010 को समाप्त वर्ष में केंद्रीय अदालतों में दीवालिया घोषित करने हेतु कुल 15,72,597 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2009 में यह संख्या 13,06,315 थी। ऐसा तब हो रहा है जब इस साल कई बड़ी कंपनियों ने बेहतर वित्तीय निष्पादन दर्ज किए हैं। जून में समाप्त हुए वर्ष में बैंकरप्सी के लिए किए गए आवेदन 2006 के बाद से सबसे अधिक हैं। 2006 में यह संख्या 14.80 लाख थी।
3 comments:
इस आवश्यक जानकारी के लिए धन्यवाद.
रक्षाबन्धन के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवम् शुभकामनाएँ
जिस तरह की अमरीकी भेड़चाल भारत में काम कर रहे सरकारी/ ग़ैरसरकारी बैंक भी अब लोन देने के मामले में अपना रहे हैं, कोई आश्चर्य नहीं कि हम अमरीका को भी पीछे छोड़ दें. किसी प्राइवेट बैंक को लोन के लिए फ़ोन कर तो दीजिये, वह आपको लोन देने के लिए मरा जाएगा. जब आदमी दिवालिया हो जाता है तो इनके गुंडे भी उसका क्या छीन लेंगे.
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