हमारे भारत देश में ही नहीं, पूरे विश्वभर में वैश्विक मंदी के और गहराने की आशंका के बादलों के बीच बाजार बुरी तरह टूटे। अमेरिकी शेयर बाजार पांच वर्ष के न्यूनतम स्तर पर चला गया। एशियाई बाजारों का भी बुरा हाल था। अमेरिका में मंदी के और गहराने की आशंका के साथ ही कंपनियों के मुनाफों पर पड़ रही मार और बड़ी कंपनियों के भविष्य की संभावनाओं के धूमिल पड़ने के बीच
डाऊ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 514।45 अंक अर्थात 5.69 प्रतिशत के नुकसान से 8519 अंक रह गया।
स्टैंडर्ड एंड पूअर्स 500 सूचकांक 896.78 अंक पर 6.10 प्रतिशत अर्थात 58.27 अंक के नुकसान में रहा। अप्रैल 2003 के बाद यह इसका न्यूतनम स्तर है।
नास्डाक कम्पोजिट सूचकांक 80.93 अंक अर्थात 4.77 प्रतिशत की गिरावट से जून 2003 के बाद के न्यूनतम स्तर 1615.75 अंक रह गया। अमेरिका में बड़ी कंपनियों में बोईग का शेयर साढे सात प्रतिशत के नुकसान से 42.91 अंक रह गया। एटीएंडटी में 23.78 डालर पर 7.6 प्रतिशत की गिरावट रही। मार्क एंड कंपनी का शेयर साढे़ छह प्रतिशत के नुकसान से 28.01 डालर रह गया।
एशियाई बाजारों में जापान का बेंचमार्क
निक्केई गुरूवार को 213.71 अंक के नुकसान से 8460.98 अंक रह गया। कारोबार के दौरान यह 8016.61 अंक तक गिरा। पिछले साढे पांच वर्षो में निक्केई का यह न्यूनतम स्तर है। इस माह में ही निक्केई 25 प्रतिशत टूट चुका है।
हांगकांग के
हैंगसैंग पर भी बिकवाली पूरी तरह हावी रही। यह छह प्रतिशत अर्थात 506.11 अंक के नुकसान से 13760.49 अंक पर बंद हुआ। इस वर्ष हैंगसैंग में 50 प्रतिशत से अधिक अंक की गिरावट आ चुकी है। पिछले तीन दिन के दौरान ही यह 10 प्रतिशत से अधिक लुढ़क चुका है।
कोरिया में तो बिकवाली का दबाव इतना अधिक रहा कि वहां
कोस्डैक बाजार में 20 मिनट के लिए कामकाज को रोकना पड़ा। कोरिया का मुख्य कम्पोजिट स्टाक प्राइस सूचकांक 9.2 प्रतिशत के नुकसान से जुलाई 2005 के बाद के न्यूतनम स्तर 1030.20 अंक तक गिर गया।
चीन का
शंघाई कम्पोजिट सूचकांक नवम्बर 2006 के बाद के न्यूनतम स्तर 1875.561 अंक रह गया। कामकाज के दौरान यह नीचे में 1828.308 अंक तक लुढ़क आया। यहां कारोबार के दौरान 319 कंपनियों के शेयर फायदे में रहे, जबकि 579 में नुकसान हुआ।
ताईवान का मुख्य सूचकांक
ताईएक्स 132.08 अंक के नुकसान से 4730.51 अंक रह गया।