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Friday, October 31, 2008

संभावित राष्ट्रपति के चाचा, चाची झोपड़पट्टी में

हमने भारत में देखा है कि किस तरह राजनैतिक लड़ाई में लोग दूर-दूर की कौड़ी खोज लाते हैं। जैसे लालू यादव का भाई टूटे फूटे घर में, फलाने मंत्री का चाचा चपरासी, उस सांसद की चाची वृद्धाश्रम में, आदि आदि।

यहाँ अमेरिका में भाई लोगों ने संभावित राष्ट्रपति बराक ओबामा के केन्याई चाचा और चाची को ढ़ूँढ़ निकाला है जो बोस्टन में मामूली परिस्थितियों में रहते हैं। मीडिया ने लिखा है कि एक तरफ, व्हाइट हाउस में कदम रखने के अमेरिकन सपने का संस्करण रहता है, लेकिन कुछ ही मील दूर दक्षिण बोस्टन में झोपड़पट्टी में सार्वजनिक आवास संपदा पर, एक विषम अमेरिकी कहानी है। 


Barack Obama has lived one version of the American Dream that has taken him to the steps of the White House. But a few miles from where the Democratic presidential candidate studied at Harvard, his Kenyan aunt and uncle, immigrants living in modest circumstances in Boston, have a contrasting American story.

Zeituni Onyango, the aunt so affectionately described in Mr Obama’s best-selling memoir Dreams from My Father, lives in a disabled-access flat on a rundown public housing estate in South Boston.

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Thursday, October 30, 2008

कर्मचारी आर्थिक मंदी की मार से इतने चिंतित, परेशान कि ठीक से सो नहीं पाते

अमेरिका में आर्थिक मंदी ने लोगों की नींद हराम कर दी है और वे रात को चैन से सो भी नहीं पा रहे हैं। कर्मियों के कल्याण से जुड़ी एक संस्था Marketing to Moms Coalition ने अपने सर्वेक्षण के आधार पर कहा है कि अमेरिका के 92 प्रतिशत कर्मचारी आर्थिक मंदी की मार से इतने चिंतित और परेशान हैं कि रात में ठीक से सो भी नहीं पाते जिसका असर काम पर भी पड़ रहा है। कार्यालय में सुबह आते ही लोगों ताजा और प्रसन्नचित नजर नहीं आते।

अध्ययन के अनुसार एक तिहाई कर्मचारी महंगाई की मार से त्रस्त हैं तो अन्य एक तिहाई कर्जो की मार से बेहाल हैं। हर छह कर्मचारियों में से एक का कहना है कि वह बंधक रखी गई संपत्ति के लिए चिंतित है तो दूसरों का कहना है कि वे रिटायरमेंट के बाद के जीवन को लेकर चिंतित हैं। आठ प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा है कि वे आर्थिक मंदी के असर से अछूते हैं।

मूल समाचार

... they are probably losing sleep over the global financial crisis, according to research released ...

Ninety-two percent of respondents said the economic turmoil is keeping them awake at night, according to a survey ...

Of those, a third said their biggest worry was the cost of living, while another third cited their credit card debt.

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Tuesday, October 28, 2008

महिला घायल, उसके तीन पालतू कुत्ते मरे

ताकतवर मधुमक्खियों के हमले में एक महिला घायल, उसके तीन पालतू कुत्ते मरे

मूल समाचार

Bees that had been living on the shutters of a vacant house in the Woodbine neighborhood have killed three dogs and injured a 70-year-old woman.

Nancy J. Hill stepped outside her Dorado Drive home...  to walk her two dachshunds. She made it 15 feet from the door when the bees swarmed her, then killed the 7-year-old dogs...

"It wasn't a question of physical size. These guys were really powerful." Hill's husband Brian said.

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Saturday, October 25, 2008

अमेरिका में भी सैकड़ों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया

इस कथित विश्वव्यापी मंदी के दौर में, ऐसा नहीं है कि सिर्फ हमारे भारत में ही नौकरियाँ खत्म की जा रही हैं। जानी माने वाहन निर्माता Chrysler ने अपने वेतनभोगी कर्मचारियों की तादाद में 25 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला लिया है तथा एक परिपत्र जारी कर खर्चों में कटौती का भी संदेश दिया है।

इसके अलावा समाचार पत्र Star-Ledger ने तो अपने कर्मचारियों की संख्या को लगभग  आधा कर दिया है।

Chrysler LLC says it will cut 25 percent of its salaried work force starting next month.
The company says the cuts are in addition to those previously announced and will be done through involuntary layoffs and voluntary retirements and buyouts.

The company said in a statement ... that employees also were told to cut discretionary and overhead expenses and reduce capital expenditures ...

The Star-Ledger of Newark, N.J., will reduce its newsroom staff by nearly half through voluntary buyouts as New Jersey's largest newspaper seeks to return to profitability.

Friday, October 24, 2008

विश्व भर के शेयर बाजार रसातल में

हमारे भारत देश में ही नहीं, पूरे विश्वभर में वैश्विक मंदी के और गहराने की आशंका के बादलों के बीच बाजार बुरी तरह टूटे। अमेरिकी शेयर बाजार पांच वर्ष के न्यूनतम स्तर पर चला गया। एशियाई बाजारों का भी बुरा हाल था। अमेरिका में मंदी के और गहराने की आशंका के साथ ही कंपनियों के मुनाफों पर पड़ रही मार और बड़ी कंपनियों के भविष्य की संभावनाओं के धूमिल पड़ने के बीच डाऊ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 514।45 अंक अर्थात 5.69 प्रतिशत के नुकसान से 8519 अंक रह गया। स्टैंडर्ड एंड पूअर्स 500 सूचकांक 896.78 अंक पर 6.10 प्रतिशत अर्थात 58.27 अंक के नुकसान में रहा। अप्रैल 2003 के बाद यह इसका न्यूतनम स्तर है।

नास्डाक कम्पोजिट सूचकांक 80.93 अंक अर्थात 4.77 प्रतिशत की गिरावट से जून 2003 के बाद के न्यूनतम स्तर 1615.75 अंक रह गया। अमेरिका में बड़ी कंपनियों में बोईग का शेयर साढे सात प्रतिशत के नुकसान से 42.91 अंक रह गया। एटीएंडटी में 23.78 डालर पर 7.6 प्रतिशत की गिरावट रही। मार्क एंड कंपनी का शेयर साढे़ छह प्रतिशत के नुकसान से 28.01 डालर रह गया।

एशियाई बाजारों में जापान का बेंचमार्क निक्केई गुरूवार को 213.71 अंक के नुकसान से 8460.98 अंक रह गया। कारोबार के दौरान यह 8016.61 अंक तक गिरा। पिछले साढे पांच वर्षो में निक्केई का यह न्यूनतम स्तर है। इस माह में ही निक्केई 25 प्रतिशत टूट चुका है।

हांगकांग के हैंगसैंग पर भी बिकवाली पूरी तरह हावी रही। यह छह प्रतिशत अर्थात 506.11 अंक के नुकसान से 13760.49 अंक पर बंद हुआ। इस वर्ष हैंगसैंग में 50 प्रतिशत से अधिक अंक की गिरावट आ चुकी है। पिछले तीन दिन के दौरान ही यह 10 प्रतिशत से अधिक लुढ़क चुका है।

कोरिया में तो बिकवाली का दबाव इतना अधिक रहा कि वहां कोस्डैक बाजार में 20 मिनट के लिए कामकाज को रोकना पड़ा। कोरिया का मुख्य कम्पोजिट स्टाक प्राइस सूचकांक 9.2 प्रतिशत के नुकसान से जुलाई 2005 के बाद के न्यूतनम स्तर 1030.20 अंक तक गिर गया।

चीन का शंघाई कम्पोजिट सूचकांक नवम्बर 2006 के बाद के न्यूनतम स्तर 1875.561 अंक रह गया। कामकाज के दौरान यह नीचे में 1828.308 अंक तक लुढ़क आया। यहां कारोबार के दौरान 319 कंपनियों के शेयर फायदे में रहे, जबकि 579 में नुकसान हुआ।

ताईवान का मुख्य सूचकांक ताईएक्स 132.08 अंक के नुकसान से 4730.51 अंक रह गया।

Monday, October 20, 2008

ब्रिटेन में मोबाइल फोन खरीदने के लिए पहचान पत्र जरूरी

ब्रिटेन में मोबाइल फोन खरीदने के इच्छुक लोगों को पहले अपनी पहचान स्थापित करनी होगी और उसके लिए दुकानदार के समक्ष अपना पासपोर्ट या पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सरकारी अधिकारी ब्रिटेन में मोबाइल खरीदने वाले लोगों की व्यक्तिगत सूचनाओं के बारे में एक रजिस्टर रखने की एक योजना पर विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इस संबंध में वोडाफोन और अन्य सेवा प्रदाताओं से बातचीत कर रही है।

इस कदम के तहत ब्रिटेन के लगभग चार करोड़ प्री-पेड मोबाइल फोन धारकों की निगरानी करने का लक्ष्य है। वर्तमान में ब्रिटेन में प्री-पेड मोबाइल धारक अपने नाम पता और क्रेडिट कार्ड की विस्तृत जानकारी दिए बिना एक मोबाइल फोन खरीद सकते हैं। बहरहाल निजता की सुरक्षा के हिमायती लोग सरकार के इस नए कदम को दूसरों पर नजर रखने वाले समाज स्थापित करने के रूप में देख रहे हैं।

मूल समाचार

The ब्रिटिश गवर्नमेंट is pushing plans to make it compulsory for anyone purchasing a mobile phone to register on a grand database which, they say, will help them keep a close eye on criminals and terrorists and will include presenting a proof of identity prior to the purchase.

... such plans could easily be scuppered by criminals who could easily just steal mobile phones (like they do with cars) in order to plan their acts...

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Wednesday, October 15, 2008

ब्रिटेन में हर पांच मिनट में एक नागरिक या व्यवसाय दिवालिया हो रहा

ब्रिटेन में हर पांच मिनट में एक नागरिक या व्यवसाय दिवालिया हो रहा है। यह दावा एक संगठन ने किया है, जिसका कहना है कि 104 परिसंपत्तियों पर हर दिन मालिकाना हक बदल रहा है। स्काई न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रेडिट एक्शन ने दावा किया है कि पिछले साल में मदद के लिए ऋण चाहने वाले लोगों की संख्या में एक तिहाई से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। 104 परिसंपत्तियों पर मालिकाना हक हर दिन बदल रहा है और औसतन हर परिवार पर 9500 पाउंड का कर्ज है। कैपिटल इकोनामिक्स के प्रबंध निदेशक रोजर बूतल के मुताबिक वास्तव में आसान ऋण का दौर खत्म हो चुका है।

उन्होंने कहा कि वित्तीय परिदृश्य फिर कभी ऐसा नहीं होगा। हम उन घटनाओं के दौर से गुजर रहे हैं जो 1920-30 की महान मंदी के कारण बने थे। विशेषज्ञों के अनुसार अधिकांश लोग को यह नहीं मालूम है कि वे कितने कर्ज में हैं। जिन लोगों को यह पता है वे समस्याओं में घिरे हैं। सिटिजन एडवाइस के एलेक्स मैक डेरमोट ने लोगों को सलाह देते हुए कहा है कि जितनी जल्दी हो सलाह लीजिए। कई तरीके हैं जिनसे हम आपकी मदद कर सकते हैं।

Tuesday, October 14, 2008

अमेरिका में भी नंबर बढ़वाने के एवज में शारीरिक सम्बन्ध बनाने की मांग

हमारे भारत देश में आए दिन कोई ना कोई स्कैंडल सामने आ ही जाता है कि कैसे कोई शिक्षक अपनी छात्रायों का यौन शोषण करते हैं, नंबर बढ़वाने का लालच देकर। यहाँ अमेरिका में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक शिक्षक द्वारा नंबर बढ़वाने के एवज में शारीरिक सम्बन्ध बनाने की मांग की गयी, जिसके चलते उसे सजा सुनायी गयी है।

मूल समाचार यहाँ पढ़ा जा सकता है।

Indictments made public today reveal specific, detailed allegations against a former Jim Ned teacher accused of having inappropriate relationships with students.

According to the indictments, Tierce allegedly:

-- Requested that one of the students "come to his residence when no one else was present."
-- Told another of the students that he "always wanted to be with a black girl" and asked "what she would be willing to do for a better grade."
-- Told a third student that "she could flash him and let him touch her boobs or she could give him oral sex."

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Sunday, October 12, 2008

जनरल मोटर्स व फोर्ड की भी हालात पतली

‘जनरल मोटर्स’ और ‘फोर्ड’ जैसी वाहन बनाने वाली बड़ी-बड़ी अमेरिकी कंपनियों की हालत दिनोंदिन पतली होती जा रही है। विशेषज्ञों ने वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों के धराशाई होने के बाद अब दूसरी तरह की परेशानी शुरु होने की आशंका जताई है। पिछले वर्ष की मंदी के बाद वाहन बनाने वाली अमेरिकी कंपनियों की मुश्किलें उतरोत्तर बढ़ती ही जा रही हैं। जनरल मोटर्स और फोर्ड को अरबों डॉलर का नुकसान हो चुका है। अब ये कंपनियां ढ़लान पर हैं। मौजूदा वित्तीय संकट की वजह से ऋण के भरोसे चलने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियों के कोष में कटौती हो चुकी है। वाहन बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में सामान्य से ज्यादा गिरावट के कारण शेयर बाजार भी लड़खड़ा गए हैं।

वाहन बनाने वाली अमेरिका की सबसे बड़ी कंपनी जनरल मोटर्स और इसी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी फोर्ड का नुकसान घीरे-धीरे खतरनाक स्तर तक जा पहंुचा है। यदि स्थिति नहीं सुधरी तो इनकी हालत भी लेहमैन ब्रदर्स जैसी हो सकती है। गौरतलब है कि ये कंपनियां वित्तीय संकट के पहले से ही रिकार्ड नुकसान झेल रही थीं, इसलिए वित्तीय संकट से इनकी हालत और बुरी हो गई है।

मूल समाचार

DESPERATE US car giants General Motors, Ford and Chrysler are contemplating mergers and a major asset sale to survive the credit crunch.

Battered by plunging sales and high fuel prices, the big three are making decisions which would have been impossible almost five years ago.

General Motors, the number one carmaker, and arch rival Chrysler, ranked third, are in merger talks.

Ford which is the second biggest US car firm, is looking at selling the 30 per cent controlling interest it has in Mazda - its most profitable business arm and ranked fourth on Australia's best selling car list.

GM yesterday was reported to be in preliminary talks with Cerberus Capital Management, the buyout firm that owns Chrysler.

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Friday, October 10, 2008

बैंकों और इन्वेस्टमंट फर्मों का बर्बाद होना जरूरी था

अमेरिकी आर्थिक मंदी का खमियाजा वॉल स्ट्रीट के एक ब्रोकर को भी भुगतना पड़ा। न्यू यॉर्क के नास्डेक स्टॉक एक्सचेंज में ब्रोकर रहे रिस्तो मिशकोव अब बुल्गारिया जाकर संत बन गए हैं। वह अब राजधानी सोफिया के पास स्थित आश्रम में सुबह जल्दी उठकर भैंसें चराते हैं।

डिजाइनर सूट और जूतों की जगह अब वह साधारण कपड़े और सैंडल पहनते हैं। अब वह ब्रदर निकानर के नाम से मशहूर हैं। रिस्तो कहते हैं कि जो लोग अपनी जरूरत से ज्यादा चीजों को जुटाना चाहते हैं, उन्हें अब नसीहत मिलेगी। बैंकों और इन्वेस्टमंट फर्मों का बर्बाद होना जरूरी था क्योंकि वे सब लालची हो गए थे। अगर कोई व्यक्ति अपनी कमाई से ज्यादा कंस्यूम करता है तो इसका मतलब है कि कहीं कोई और भूखा है। वह कहते हैं कि कोई व्यक्ति अच्छा ब्रोकर तो हो सकता है लेकिन यह दुनिया के लिए फायदेमंद नहीं होता।

मूल समाचार

A Wall Street broker has left Manhattan to become a monk in a Bulgarian monastery.

Hristo Mishkov was a broker on the Nasdaq stock exchange in New York until he gave it all up to return to his native Bulgaria, reports the Daily Telegraph. He now wakes at dawn to attend to a herd of cheese-producing buffalo in the 12th century Tsurnogorski monastery, 30 miles west of Sofia.

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Wednesday, October 8, 2008

वित्तीय संकट ने ली अमेरिकी परिवार की जान

यहाँ किसान आत्महत्या करते हैं, शेयर ब्रोकर भी यही राह चुनते हैं। वहाँ भी, अमेरिकी आर्थिक मंदी की चपेट में आए एक करोड़पति अप्रवासी भारतीय ने शेयर बाजार में हुए भारी नुकसान के बाद छह सदस्यों के अपने पूरे परिवार का सफाया कर दिया, जिनमें उसकी पत्नी, तीन पुत्र और उसकी सास शामिल हैं। घटना को अंजाम देने के बाद उसने खुद को भी गोली मार ली। कभी लंदन के एक उद्यम में एक बार में ही 12 लाख अमेरिकी डालर बनाने वाला कार्तिक राजाराम पोर्टर रांच स्थित घर में अपनी पत्नी सुबाश्री, सास और तीन बेटों के साथ मृत पाया गया।

लास एंजिल्स टाइम्स में मंगलवार को प्रकाशित खबर के अनुसार अधिकारियों का मानना है कि एमबीए की शिक्षा प्राप्त राजाराम ने शेयर बाजार में खुद को हुए नुकसान के चलते अपने साथ अपने परिवार को भी मार दिया। पुलिस ने कहा कि हमें लगता है कि यह घटना पिछले कुछ सप्ताहों से जारी आर्थिक संकट के चलते हुई। 16 सितंबर को बेरोजगार राजाराम ने एक बंदूक खरीदी। उसने दो सुइसाइड नोट एक अंतिम वसीयत और घटना संबंधी एक प त्र लिखा। उसने शनिवार की रात और रविवार की सुबह के बीच किसी समय अपनी पत्नी, तीन बेटों और सास को मारने के बाद खुद को भी गोली से उड़ा लिया। लास एंजिल्स पुलिस विभाग के उप प्रमुख माइकल मूर के अनुसार पुलिस के नाम लिखे पत्र में राजाराम ने आर्थिक कठिनाइयों के लिए अपनी गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया है। दूसरे पत्र के ऊपर लिखा है, व्यक्तिगत और गोपनीय जो उसने पारिवारिक मित्रों के लिए लिखा है। तीसरे पत्र में वसीयत और घटना के बारे में लिखा है।

अमेरिका का कैलीफोर्निया मकान मालिकों के वित्तीय संकट से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, लेकिन पुलिस का कहना है कि राजाराम मकान मालिक नहीं था। मूर ने कहा कि सभी लोगों को हैंडगन की गोली लगी जिसे एमबीए की शिक्षा प्राप्त, लेकिन फिलहाल बेरोजगार चल रहे राजाराम ने हाल ही में खरीदा था। मूर ने कहा कि राजाराम को कभी कोई मानसिक बीमारी नहीं रही है। वह अपने वित्तीय मामलों में हुए नुकसान से निराश हो गया था और यही वजह हत्या तथा आत्महत्या का कारण बनी।